कोयल अपनी भाषा बोलती है,
इसलिये आज़ाद रहती हैं
किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,
इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है
अपनी भाषा, अपने विचार और
“अपने आप” पर विश्वास करें..!
सत्य पर चलने वाले परेशान हो सकता हैं, पराजित नहीं
इसलिये आज़ाद रहती हैं
किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,
इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है
अपनी भाषा, अपने विचार और
“अपने आप” पर विश्वास करें..!
सत्य पर चलने वाले परेशान हो सकता हैं, पराजित नहीं
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